10.Current Liabilitied:- दायित्व का आश्य है, वह दायित्व जो है, चुकाने है चालु दायित्व का अर्थ है, वह दायित्व हो हमे व्यापार चलाने दो साथ - साथ चुकानी है! जैसे- चालु वर्ष मे हमने किसी से उधार माल खरीदा तो हमे उस माल के लेनदार को भुगतान करना पड्ताहै, उसी चालु वर्ष मे इसलिए यहा पर लेसदार हमारी चालु दायित्व होंगे! |
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11.- Direct Exp (प्रत्यक्ष व्यय):- . माल से संबन्धीत सारे व्यय जिससे क्रय मुल्य मे वृघ्दी होती है, प्रत्यक्ष व्यय होते है ! व्यापार खाते मे वे व्यय भी डेबिट पक्ष मे लिखे जाते है जिसका क्रय से सीधा संबन्ध होता है इस प्रकार के व्यय माल तैयार करने मे अपना माल मंगाने के समय होते है, इससे माल के क्रय मुल्य लागत मुल्य मे वृध्दी होती है ! जैसे:- fright And Carriage Inword, Wages, Duties And Tax, Insurance, Factory Exp, Manufacturing Exp, Etc |
12.- Direct Income:- Income For Job Work Contractपर कार्य करने पर जो आय होगी वह प्रत्यक्ष आय होगी ! |
13. Indirect Exp:- जो खर्चे उत्पादन या माल से संबंधीत नही होते है, उनके खाते खोलते समय Group Leval, Indirect Exp,मे रखेगे ! जैसे:- & Telephone Bill Advertisement, Legal Exp, Intrest, Discount Electric Charge Etc, |
14. Duties And Taxes:- व्यापार करते समय क्रय या विक्रय से संबन्धित कुछ वनजपमे और सरकार के व्दारा चार्ज कि जाती है इस प्रकार कर या वनजपमे से संबन्धित खाते बनाते समय उसे Under Had Duties & Taxes मे रखेगे ! जैसे:- Sales Tax, Income Tax, Custom Duty, Import Duty, Export, Duty Etc; |
15. Investment(विनियोग:-) |
16.Loan & Advance:- जिन पार्टियो से रिण प्राप्त अथवा सामग्री खरीदने से संबन्धित रुपया अग्रिम द्रेती है उन पार्टिय्तो के खातो मे Under Had Loan& Advance; मे डाला जाता है ब्याज पर दिया गय पैसा ऋण मे और अग्रिम दिया गया पैसा जिसकी सेवाए नही दी इअई है ! |
17.Loan Liabilities:- ब्याज पर लिखे गए पैसो का लेखा रखेगे और उसे Under Had Loan& Liability रखेगे !मे |
18.Misc.Exp:- एक ऐसा पैसा जो नोकरी या ठेके से पैसा मिलना है खाते को Under Had Misc. Exp, मे रखेगे ! |
19. Provision:- किसी भी बडी संपत्ति को खरीदने के लिए बनाया गया संचय Under Had Provision मे आएगा (आंतरिक वस्तुओ के लिए) |
20. Reserve And Surplus:- BAD dEBTS, rESERVE fOR ,Doubtful Debts, Short Itomm इन खातो की रकम कि पुर्ति करने के लिए बनाया जाता है, इसे Reserve And Surplus मे रखेगे ! |
21. Sales A/C:- जो भी सामग्री या माल विक्रय किया जाता है , उसे माल का खाता खोलते समय विक्रय को Under Had Sales A/C मे रखेगे ! |
22. Sundry Debord:- 6 पार्टियो को उधार माल बेचा जाता है उन पार्टियो के खाते खोलेते समय Group Had Sundry Debtors मे डाला जाता है ! |
23. Purchase A/C:- जो भी माल खरीदा जाता है उस सामाग्री का खाता खोलते समय क्रय को Under Had Purchase A/C मे रखेगे! |
24. Sundry Creditors:- जिन पार्टियो से उधार माल खरीदा जाता है उन पार्टियो के खते खोलते समय group Had Sundry Creditor डाला जाता है ! |
25. Secured Loan:- किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था से लिए गए ऋण को कि जमानत पर लिए गए हो उन्है Under Had Secursd Loan मे रखेगे ! जैसे - मकान अबनाने के लिए रजिस्ट्री रखकर लोन प्राप्त किया ! |
26. Unsecursd Loan:- किसी भी दोस्त या रिश्तेदार से लिए गे लोन को खाते खोलते समय Group Had Unsecured Loan डाला जाता है! |
27. Suspence A/C:- एक पक्षीय अशुद्धी तथा तलपट मे अशुदधीयो के र्श जाने पर तलपट के दोनो पक्षो का योग नही मिलता ऐसा दशा मे तलपट के अंतर को एक नया खाता खोलकर उसमे डेबीट या क्रेडिट कर दिया जाता है, ऐसे खाते को Under Had Suspense A/C मे रखेगे ! |
2. Account Information:- Alter से Change करने के लिए Multiple Stock Item! मे एक से ज्यादा Group Creat कर सकते है ! |
Unit Of Mesurment:- इस बन्दु मे हम जिस वस्तु का व्यापार कर रहे है उस वस्तु कि इकाई दी जाती है जैसे कपडे का व्यापार कर रहे है तो कपडे मीटर मे आएग इस पर Enter करते ही एक Menu Open होग जिसमे Creat पर Enter करते ही नया Unit Creation Box Open होग जिसमे Type मेSnnple Symbol मे Mesurment Short Name आएग ! जैसे:-Meter का Met |
3.Voucher Entry:- इसमे व्यावार मे होने वाले लेद-देनो की प्रविष्टि कि जाती है , जिसे Transactionकहते है ! |
Import Of Data :- इसमे डाटा को Import किया जाता है ! |
Balance Sheet:- एक निश्चित तिथी को तैयार किया जाने वाला ऐसा विवरण पत्र है जिसमे एक और व्यवसाय कि पुंजी व दायित्वो को तथा दुसरी तरफ संपत्ति को एक निश्चित प्रारुप मे दिखाया जाता है ! |
Profit & Loss A/C व्यापार खाते से तो व्यापार का सकल लाभ या वास्तविक लाभ ही ज्ञात किया जा सकता है, व्यापार मे होने वाले शुद्धी लाभ या हानि की जानकारी प्राप्त नहे हो सकती जिसे जानना व्यापारी के लिए अत्यत आवश्यक है शुद्धी लाभ या हानि क्र्र जानकारी प्राप्त करने के लिए जो खाता तैयार किया जाता है उसे लाभ - हानि खाता काहते है !!!1 इसे बनाने की आवश्यकता नही है ! |
Stock Summary:- 1, RECEIPT : F6 2,PAYMENT : F5 3, cONTRA:F4 4, JOURNAL : F7 |
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