Saturday 17 January 2015

ये हैं भारत के 10 सबसे ज्यादा पैसा वाले राज्य, जानें 5 साल में देश को कितना दिया


1   देश की कमाई में एक मोटा हिस्सा राज्यों से आता है। राज्य ये कमाई टैक्स लगाकर करते हैं। पिछले पांच सालों में राज्यों ने देश का खजाना भरने में सबसे बड़ा योगदान दिया है। इस मामले में सबसे अधिक धन महाराष्ट्र ने दिया है। कमाई के मामले में जहां महाराष्ट्र देश का सबसे रईस राज्य है वहीं, टैक्स रेवेन्यू के मामले में सबसे अधिक टैक्स यहीं से आता है।

{ महाराष्ट्र ने दिया सबसे अधिक टैक्स रेवेन्यू }

महाराष्ट्र- यह भारत का सबसे रईस राज्य हैं और दूसरा सबसे बड़ा शहरी राज्य। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा जनसंख्या और क्षेत्रफल के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। देश के कुल रेवेन्यू का 40 फीसदी महाराष्ट्र से आता है। एक ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र टैक्स रेवेन्यू के मामले में इस लिस्ट में टॉप पर है। पिछले पांच सालों में महाराष्ट्र ने भारत के खजाने में 76 बिलियन डॉलर यानी करीब 4 लाख 75 हजार 800 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।
2 आंध्र प्रदेश
रैंक- 2
टैक्स रेवेन्यू
टैक्स रेवेन्यू के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। आंध्र ने पिछले पांच सालों में देश के खजाने में 54 बिलियन डॉलर यानी करीब 3,37,500 करोड़ रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 3 यूपी }

रैंक- 3

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। यूपी ने राजनीतिक उठापटक के बावजूद पिछले पांच सालों में 50 बिलियन डॉलर यानी करीब 3 लाख 12 हजार 500 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 4  तमिलनाडु  }

रैंक- 4

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू के मामले में चौथा नंबर पर तमिलनाडु है। पिछले पांच साल में तमिलनाडु में देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में 46 बिलियन डॉलर यानी करीब 2 लाख 87 हजार 500 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 5  कर्नाटक }

रैंक- 5

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू के मामले में पांचवा स्थान कर्नाटक का है। पिछले पांच साल में कर्नाटक ने देश के खजाने में 42 बिलियन डॉलर यानी Rs 2 लाख 62 हजार 500 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 6 गुजरात }

रैंक -6

टैक्स रेवेन्यू

मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते अच्छी विकास दर हासिल की। टैक्स रेवेन्यू के मामले में गुजरात का भी बड़ा योगदान रहा। पिछले पांच सालों में गुजरात ने 30 बिलियन डॉलर यानी करीब 1 लाख 87 हजार 500 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 7 पश्चिम बंगाल }

रैंक- 7

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू के मामले में पश्चिम बंगाल का भी बड़ा योगदान रहा है। पिछले पांच सालों में पश्चिम बंगाल ने 29 बिलियन

{ 8  राजस्थान  }

रैंक- 8

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू के मामले में आठवां स्थान राजस्थान का है। पिछले पांच सालों में राजस्थान ने 25 बिलियन डॉलर 1 लाख 56 हजार 250 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 9 केरल }

रैंक- 9

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू हासिल करने के मामले में नौंवा स्थान केरल का है। पिछले पांच सालों में केरल ने 23 बिलियन डॉलर यानी करीब 1 लाख 43 हजार 750 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

{ 10  हरियाणा  }

रैंक- 10

टैक्स रेवेन्यू

टैक्स रेवेन्यू हासिल करने के मामले में 10वां स्थान हरियाणा का है। पिछले पांच सालों में हरियाणा ने भी केरल के बराबर 23 बिलियन डॉलर यानी करीब 1 लाख 43 हजार 750 रुपए का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है।

Wednesday 14 January 2015

राजेंद्र प्रसाद को राष्ट्रपति नहीं बनाना चाहते थे नेहरू, जानें क्यों ?

(डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू साथ में हैं सी राजगोपालाचारी।)

आज भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिन है। इस अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू के वैचारिक और व्यावहारिक मतभेद संबंधी कुछ खास जानकारियां...

पटना. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद में वैचारिक और व्यावहारिक मतभेद थे। ये मतभेद 1950 से 1962 तक प्रसाद के राष्ट्रपति रहने के दौरान लगातार बने रहे। कहा जाता है कि हिंदू परंपरावादी प्रसाद के राष्ट्रपति बनने से पहले भी आधुनिक और पश्चिमी सोच वाले नेहरू से उनकी पटरी नहीं बैठती थी।

डॉ प्रसाद अकेले ऐसे शख्स थे जो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के विरोध के बावजूद दो कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुने गए थे। ऐसा कहा जाता है कि नेहरू सी राजगोपालाचारी को देश का पहला राष्ट्रपति बनाना चाहते थे, लेकिन सरदार पटेल और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की राय डॉ राजेंद्र प्रसाद के हक में थी। आखिर नेहरू को कांग्रेस की बात माननी पड़ी और राष्ट्रपति के तौर पर प्रसाद को ही अपना समर्थन देना पड़ा।

{ गायों के वध पर रोक लगाना चाहते थे राजेंद्र प्रसाद, नेहरू थे नाखुश }

अगस्त 1947 में गायों के वध पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को प्रसाद के समर्थन से नेहरू नाखुश थे। 7 अगस्त 1947 को नेहरू ने प्रसाद को चिट्ठी में लिखा..."जहां तक मैं समझता हूं कि बापू भी गायों की हिफाजत के प्रबल समर्थक हैं, लेकिन गायों के वध पर ज़बरदस्ती रोक लगाए जाने के वो भी खिलाफ हैं। मेरी राय के मुताबिक इसकी वजह ये है कि बापू चाहते हैं कि हमें हिंदू राज्य की तरह नहीं बल्कि ऐसे समग्र राज्य की तरह काम करना चाहिए जिसमें हिंदू अगुआई करें।"
{ राजेंद्र प्रसाद को ज्योतिषियों ने राय दी थी 26 जनवरी 1950 नहीं है शुभ }

संविधान सभा में भी प्रसाद चाहते थे कि इंडिया का नाम बदल कर भारत कर दिया जाए, लेकिन नेहरू इंडिया के ही हक में थे। बाद में बीच का रास्ता निकाला गया और संविधान में लिखा गया- "इंडिया, दैट इज़ भारत।" प्रसाद देश के संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 की तारीख चुने जाने के खिलाफ थे।

प्रसाद को उनके ज्योतिषियों ने राय दी थी कि 26 जनवरी 1950 का दिन गणतंत्र दिवस के लिए शुभ नहीं है, लेकिन नेहरू इसी तारीख पर अड़ गए। नेहरू ने 22 सितंबर 1951 को एन जी आयंगर को लिखे पत्र में कहा भी था- "मुझे खेद है, राष्ट्रपति कुछ मुद्दों पर कैबिनेट की सिफारिश की जगह ज्योतिषियों की राय को अहमियत दे रहे हैं, लेकिन मेरा ज्योतिष जैसी बातों पर कोई विश्वास नहीं है।"


  1. उत्तर वियतनाम के प्रेसिडेंट हो ची मिंह के साथ जवाहर लाल नेहरू और डॉ. राजेंद्र प्रसाद }

राजेंद्र प्रसाद ने छूए थे ब्राह्मणों के पैर, नेहरू ने किया था विरोध

नेहरू ने प्रसाद की बनारस यात्रा में ब्राह्मणों के पैर छूने का भी विरोध किया था। प्रसाद हिंदू कोड बिल में महिलाओं को ज़्यादा अधिकार दिए जाने के हक में नहीं थे। उन्होंने नेहरू से कहा कि जब हिंदू कोड बिल पर संसद में बहस होगी तो वो प्रेसिडेंट बॉक्स में मौजूद रहेंगे, जिससे सांसदों पर प्रभाव पड़ेगा।

नेहरू का कहना था कि प्रेसिडेंट बॉक्स का इस्तेमाल राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए ही कर सकते हैं। अन्यथा इसका इस्तेमाल विदेश से आने वाले सम्मानित मेहमानों के लिए ही किया जाना चाहिए। उस वक्त ऐसी भी अफवाहें थीं कि प्रसाद आरएसएस, जनसंघ और बिल के विरोधी कुछ कांग्रेस सांसदों के साथ मिलकर तख्तापलट कर सकते हैं।

नेहरू ने ये धमकी तक दे दी थी कि अगर प्रसाद ने अपना रुख नहीं छोड़ा तो वो इस्तीफ़ा दे देंगे। प्रसाद ने संयम दिखाया और अपनी बात पर जोर नहीं दिया।

{जवाहर लाल नेहरू, भूला भाई देसाई और राजेन्द्र प्रसाद (बीच में }


राजेंद्र प्रसाद चाहते थे मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की हो स्वतंत्र जांच

ये सच है कि नेहरू की मौजूदगी में प्रसाद खुल कर अपनी बात नहीं कह पाते थे। लेकिन नेहरू से लिखित संवाद में साफ तौर पर अपनी राय जताते थे। प्रसाद ने नेहरू को चेतावनी दी थी कि भ्रष्टाचार कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। प्रसाद ने सीधे राष्ट्रपति के तहत लोकायुक्त बनाए जाने की सिफारिश का समर्थन किया था जिससे कि मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की स्वतंत्र रूप से जांच की जा सके।

Saturday 10 January 2015

ऑफलाइन Gmail

गैजेट डेस्क। हाल ही में गूगल द्वारा एक ईमेल ऐप लॉन्च किया गया है। इस ऐप का नाम Inbox रखा गया है। इस ऐप के जरिए यूजर्स अपने ईमेल ऐड्रेस पर आए हुए मेल्स को खोल सकेंगे और उनका रिप्लाई कर सकेंगे। इसे गूगल नाऊ (Google Now) की मदद से सिंक्रोनाइज किया गया है और ये आम ऐप से तेज और ज्यादा रोचक है। Gmail का इस्तेमाल अधिकतर यूजर्स करते हैं और बहुत सी जानकारी ईमेल्स के रूप में सेव करके रखते हैं। क्या आप जानते हैं कि जीमेल का इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकता है? http://compatativequestion.blogspot.com आपको बताने जा रहा है जीमेल की कुछ सीक्रेट टिप्स और ट्रिक्स।



1. ऑफलाइन Gmail-

शायद आप ये ना जानते हों, लेकिन Gmail का इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकता है। ये एक क्रोम एक्सटेंशन है जो यूजर्स को अपने इनबॉक्स के मेल चेक करने की, उनका रिप्लाई करने की, सर्च करने की और ईमेल्स को आर्काइव करने की सुविधा देता है।

क्या करें ऑफलाइन जीमेल खोलने के लिए-

* सबसे पहले इनबॉक्स के टॉप राइट साइड पर दिए सेटिंग्स आइकल में जाएं।
* इसके बाद सेटिंग्स पर जाकर ऑफलाइन टैब खोलें।
* अगर आपके सिस्टम में ये क्रोम एक्सटेंशन इंस्टॉल नहीं हुआ है तो Install Gmail Offline टैब पर क्लिक करें।
* इसके साथ ही क्रोम एक्सटेंशन का पेज खुलेगा जिससे जीमेल ऑफलाइन ऐप इंस्टॉल किया जा सकता है।
* इसके बाद जब भी यूजर्स को अपने ऑफलाइन मैसेज चेक करने हों इस ऐप को लॉन्च कीजिए और आपका इनबॉक्स बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी आपके सामने होगा।
GMAIL तेजी से काम करने के लिए कई तरह के की-बोर्ड शॉर्टकट्स का उपयोग करने की सुविधा देता है। जब आप GMAIL पेज पर हो तब (Ctrl + Enter) क्लिक कीजिए। इसका मतलब होगा मैसेज सेंड करो। (Ctrl + .) का मतलब होगा नेक्स्ट विंडो पर क्लिक करो, (Ctrl + Shift + c) का मतलब होगा रिसीवर्स को Cc करना, (Ctrl + Shift + b ) का मतलब होगा रिसीवर्स को bcc करना।
अपने ईमेल को स्टार मेल बनाना तो आपको आता ही होगा। यह महत्वपूर्ण ई-मेल को अलग से पहचानने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि GMAIL में आप स्टार का कलर (रंग) भी बदल सकते हैं। इसके लिए -

Gear box > Settings > Stars

पर जाना होगा। इसके बाद 1*, 2* और ऐसे ही आप स्टार सिलेक्ट कर लें। मान लीजिए आपने ब्लू स्टार सिलेक्ट किया है तो जो 2* पर आएगा। तो अपने इनबॉक्स पर वापस जाने पर अगर आप किसी ई-मेल को एक बार स्टार देंगे तो वह यलो रंग का आएगा, लेकिन जैसे ही दूसरी बार इस पर क्लिक करेंगे तो यह ब्लू रंग का हो जाएगा।

Gmail पर यूजर्स अपने अकाउंट का बैकग्राउंड भी बदल सकते हैं। इसके लिए पिकासा एल्बम से फोटो इस्तेमाल की जा सकती है या फिर अपने पर्सनल एल्बम से और एंड्रॉइड फोन से भी फोटोज अपलोड की जा सकती हैं। इसके लिए-

Settings >> Themes >> Custom themes

में जाइए यहां कस्टम लाइट और कस्टम डार्क थीम सिकेक्ट की जा सकती है। यहां पर 'Select a background image' ऑप्शन पर क्लिक करें और अपनी फोटो सेव कर दीजिए।
अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन धीमा है तो उसके साथ GMAIL को पूरी तरह से लोड होने में कुछ मिनट लग सकते हैं। इसकी जगह अगर आप बेसिक वर्जन का इस्तेमाल करें तो इनबॉक्स जल्दी लोड हो सकता है। इसके लिए-

' ?ui=html' यह कोड अपने स्टैंडर्ड GMAIL यूआरएल पर लगाना होगा।

Monday 5 January 2015

दुनिया की 10 खुफिया एजेंसी

दुनिया के हर देश में नागरिकों, दस्तावेजों और खुफिया बातों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक एजेंसी बहुत ही शांत मगर शातिर तरीकों से निभा रही होती है. इन एजेंसियों में काम करने वाले लोग और तरीके आम लोगों को पता नहीं होते हैं
ऐसी ही दुनिया की 10 सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों के बारे में, जिनके नाम से ही दुश्मनों कांप जाते है
1

RAW: रिसर्च एंड एनालि‍सिस विंग(रॉ) की स्थापना 1968 में की गई थी. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. रॉ विदेशी मामलों, अपराधियों, आतंकियों के बारे में पूरी जानकारी रखती है. इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) भी देश की सुरक्षा के लिए काम करती है. इन दोनों एजेंसियों ने मिलकर कई बड़े आतंकी हमलों को नाकाम किया है

2
ASIS: ऑस्ट्रेलियन सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (एएसआईएस) ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 13 मई 1952 को की गई थी. इसका मुख्यालय ऑस्ट्रेलिया के केनबरा में स्थित है. एएसआईएस की तुलना अमेरिका के सीआईए और यूके की खुफिया एजेंसी एमआई-6 से की जाती है.
3
ISI: इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है. आईएसआई की स्थापना 1948 में की गई थी. अमेरिकी क्राइम रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई को सबसे ताकतवर एजेंसी बताया गया था. हालांकि आईएसआई पर आए दिन आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं. भारत में हुए कई आतंकी हमलों में आईएसआई के एजेंट्स का हाथ बताया जा रहा है. इसका मुख्यालय इस्लामाबाद में है.
4
CIA: सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) अमेरिका की बहुचर्चित खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 1947 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ए ट्रूमैन ने की थी. सीआईए चार हिस्सों में बंटी हुई है. इसका मुख्यालय वाशिंगटन के पास वर्जीनिया में स्थित है. सीआईए डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस को रिपोर्ट करती है. 2013 में वाशिंगटन पोस्ट ने सीआईए को सबसे ज्यादा बजट वाली खुफिया एजेंसी बताया था. साइबर क्राइम, आतंकवाद रोकने समेत सीआईए देश की सुरक्षा के लिए काम करती है.
5

MSS: चीन की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सेफ्टी(MSS) को 1983 में बनाया गया था. इस एजेंसी के जिम्मे काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशंस और विदेशी खुफिया ऑपरेशन्स को चलाना है.
6
MI6: मिलि‍ट्री इंटेलिजेंस सेक्शन-6 (MI6) यूनाइटेड किंगडम की खुफिया एजेंसी है. सबसे पुरानी खुफिया एजेंसियों में से एक MI6 की स्थापना 1909 में की गई थी. MI6 ज्वाइंट इंटेलिजेंस, डिफेंस, सरकार के साथ जानकारी साझा करने जैसे काम करती है. देश की संस्थाओं पर नजर रखने का काम भी MI6 के जिम्मे है.
7

FSB: फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) रूस की खुफिया एजेंसी है. इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1995 को हुई थी. एफएसबी का मुख्यालय मॉस्को में है. खुफिया से जुड़े मामलों के अलावा एफएसबी बॉर्डर से जुड़े मामलों पर भी गहरी नजर रखती है.
8

BND: जर्मनी की खुफिया एजेंसी Bundesnachrichtendienst को 1956 में गठित किया गया था. बीएनडी को दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया और आधुनिक तकनीकों से लैस एजेंसी माना जाता है. इसका मुख्यालय म्यूनिख के पास पुलाच में है.
9
MOSSAD: इजराइल की खुफिया एजेंसी MOSSAD को दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है. MOSSAD की स्थापना 1949 की गई थी. MOSSAD मुख्यत: आतंकी विरोधी घटनाओं को अंजाम देती है और सीक्रेट ऑपरेशंस चलाती है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा करना होता है.
10

DGSE: Directorate General for External Security (DGSE) फ्रांस की इंटेलिजेंस एजेंसी है. DGSE को 1982 में बनाया गया था, जिसका मकसद फ्रांस सरकार के लिए विदेशों से खुफिया जानकारी एकत्र करना था. DGSE का मुख्यालय पेरिस में है.

Saturday 3 January 2015

कैसे घर बैठे सुधार सकते हैं आधार कार्ड की गलतियां

http://compatativequestion.blogspot.in/2015/01/blog-post.html

आधार कार्ड में नाम, पता, लिंग, मोबाइल नंबर या जन्म तिथि गलत हो गई है, तो आप घर बैठे ऑनलाइन इसे सही करा सकते हैं। आधार कार्ड में इनमें से एक भी जानकारी गलत हुई तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। आने वाले समय में बैंक में खाता खुलाने से लेकर, रसोई गैस की सब्सिडी एवं पासपोर्ट जैसी कई जरूरी सेवाओं के लिए आधार कार्ड की उपयोगिता बढ़ जाएगी। पाठकों की सुविधा के लिए भास्कर आपके लिए यह जरूरी जानकारी पहुंचा रहा है। ऐसे करें आधार को अपडेट


कैसे सुधारें आधार की गलतियां

> पहला स्टेप

http://uidai.gov.in वेबसाइट पर जाकर 'आपका आधार' लिंक पर क्लिक करें। नए पेज पर बायीं ओर नीचे की तरफ 'अपडेट योर आधार डाटा' पर क्लिक करें। यहां दिखेगा कि आप क्या-क्या जानकारी अपडेट कर सकते हैं। नीचे दी हुई लिंक पर क्लिक करें। फिर खुलने वाले पेज पर " सब्मिट योर अपडेट करेक्शन' क्लिक करें।

एंटर योर आधार नंबर में अपना आधार नंबर डालें। टेक्स्ट वेरिफिकेशन में स्पेशल कैरेक्टर डालें और ओटीपी पर क्लिक करें। इसके अगले पेज पर मोबाइल नंबर डालें। नीचे स्पेशल कैरेक्टर टेक्स्ट वाली जगह पर डालें। फिर ओटीपी पर क्लिक करें। आपके मोबाइल पर ओटीपी का मैसेज आएगा। वह आपको निर्धारित स्थान पर बने बॉक्स में डालना है। इसके बाद आप वेबसाइट पर लॉग इन हो जाएंगे।


डाटा अपडेट पर क्लिक करने के बाद प्रोसेस्ड पर क्लिक करिए। जरूरी दस्तावेज यहीं अपलोड करने होंगे। कंफर्म पर क्लिक करिए। फिर बीपीओ सर्विस प्रोवाइडर पर क्लिक करिए। वहां पर एक साइड में एजिस और दूसरी ओर कार्विस लिखा होगा। उसमें किसी भी एक को चुनकर सब्मिट करें। अपडेट होने पर कंपलीट का मैसेज मोबाइल पर आएगा। जिसमें आपको यूआरएन नंबर मिलेगा।

अंत में अपडेट स्टेटस पर आधार नंबर और यूआरएन डालें। इसके पूरा होते ही एक मैसेज नजर आएगा "योर रिक्वेस्ट कंपलीट सक्सेसफुल।' फिर इसे साइन आउट करें। शुरू में जहां डाटा अपडेट स्टेटस लिखा है। उस पर क्लिक करने के साथ ही एक बार फिर आधार नंबर एवं यूआरएन डालकर चैक करें। उसमें लिखा आएगा रिक्वेस्ट पेंडिंग। अब आप इंतजार करिए। कुछ समय बाद मोबाइल पर अपडेट की सूचना आ जाएगी।