Wednesday 8 January 2014

Tally open 3

Tally open करने पर एक Menu Open होग जिसमे 3 Option दिखाई देते है !
1. Create Company:-
इसके उपयोग से हम नई कंपनी बना सकते है !
2. Select Company:-
इसके उपयोग से हम पुरानी बनी कंपनी को ओपन करके देख सकते है , और उसमे काम भी कर सकते है !
3.Quit :-
इसके उपयोग से हम Tally Accounting से बार आ सकते है Company Create! करने के बाद असली स्क्रीन आपके सामने दिखाई देगी जो Gateway Of Tally के नाम से हिगी इसमे निमन Option दिखाई देंगे
Gateway Of Tally
Account Information
1. AccountInformation:-
इस Option से हम एक-एक करके देखेगे इसमे पहला Option हैAccountInformation है जिसके व्दार Group And Accounting को खोलता है इसमे देखना, परिवर्तन करना आदी कार्य किए जाते है AccountInformation पर Click करते ही तीन Option दिखाई पड्ते है
A.Group:- Create:-
(बनाने के लिए )
B.Ledger:- Ledger Create:-
करने के लिए
C.Quiet:- Account Information:-
से बाहर आने के लिए इसमे प्रथम मेनु के व्दारा Group Open किए जाते है, इन ग्रुप मे से मुख्य ग्रुप को नीचे दिखाया गया है इसमे Total 30 Main Group होते है जो लेजर मे खुलते है !
Group Handडाला जाता है जिसे हम Ledger Creation Screen मे Underरुप मे देखेगे ! इस Under के स्थान पर इन Group मे से किसी एक को डाला जाता है जिसकि भी खातो के Nature के आधार पर जरुरत हो !
1.Bank Account:-
यह Under Had तब डाला जाता है जब किसी बैंक मे खाता खोला जाता है !
2. Bank Over Draf :-
बैंक अपने ग्राहको को चालू खाते पर एसी सुविधा देता है कि आवश्यकता पडने पर वे जमा रकम से अधिक रकम निकाल सके बैंक से निकाल्री गई अधिक रकम को ही बैंक अधिविकर्ष Bank Over Draf कहते है !
एक स्थिती मे Cash Book DK Balance Cr. कि जगह Dr. और Pass Book का BalanceDr. कि जगह Cr, हो जाया करता है !
आशय- व्यापारी को बैंक से लेना नही होता, बैंक को व्यापारी को देना होता है -
3.Bank Overdreft Cash Credit (Occ):-
:- बैंक हर किसी को Over Draft की Facility नही देती है, लेकिन यदि ग्राहक अपनी कोई संपत्ति गिरवी रखता है तो बैंक उसे Occ की सुविधा देता है यदि ग्राहक बैंक को भुगतान नही करती है तो बैंक उसकि संपत्ति जब्त करके पैसा वसूल सकती है !
4. Branch/Division
:- एक ही कंपनी कि एक ही जगह मे अलग - अलग शाखाए है तो दुसरी शाखाओ ला खाता इसमे Include करते समय Under Had Branch/Division मे रखेगे !
5. Cash In Hand :-
जो Cash Business से Related हो वो Cash In Hand Ds Under होगी !
- जैसे:-Cash In Sales, Cash In Branch, Petty Cash Book
6. Current Assets:- जिसका Balance एक साल मे (Book Under)बदलता रकता है , एसी संपत्ति को Current Asset के Under मे रखते है!<> जैसे- Debtors, Bill Receivable etc,
Fixed Assets:-
ऐसी संपत्ति जिसका पुस्तकीय मुल्य बहुत समय बाद बदलता है, वे सभी संपत्ति Under Fixed Asset मे रखेगे!
जैसे:- Land And Bilding, Plant And Machinery,Furniture etc, जैस
8. Deposit Asset:-
इसमे बैंक मे जमा किए गए रुपय आएगे किसा व्यक्ति संस्था के पास जमा रोकस उसके Under Had आएगे!
9. Deposit Liabilities:-
जब किसी कि जमा पुंजी हमारे पास जमा हो और वह हमे चुकाना या देना है , तब यह जमा दायित्व मे आऐगी !
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